Saturday, 16 November 2019

maharban ansari

Maharban ansari

हजरत निजामुद्दीन औलिया

हजरत निजामुद्दीन औलिया अक्सर एक जुमला कहा करते थे कि हमसे तो धोबी का बेटा ही खुशनसीब निकला हमसे तो इतना भी ना हो सका फिर गश खाकर गिर जाते।
एक दिन उनके मुरीदो ने पूछ लिया हजरत यह धोबी के बेटे वाला क्या माजरा था
आप ने फरमाया एक धोबी के पास महल से कपड़े धुलने आया करते थे और वह मियां बीवी कपड़े धोकर प्रेस करके वापस महल पहुंचा दिया करते थे उनका एक बेटा था जो जवान हुआ तो कपड़े धोने में वालीदैन का हाथ बंटाने लगा
      कपड़ों में शहजादी के कपड़े भी थे जिनको धोते-धोते वह शहजादी के ना दीदार इश्क में मुब्तिला हो गया मोहब्बत के इस जज्बे के जाग जाने के बाद उसके तेवर तब्दील हो गए वह शहजादी के कपड़े अलग करता उन्हें खूब अच्छी तरह धोता और उन्हें प्रेस करने के बाद एक खास निराले अंदाज में तय करके रखता
     सिलसिला चलता रहा आखिर वालीदा ने इस तब्दीली को नोट किया और धोबी के कान मे खुसर पुसर की कि लगता है यह तो सारे खानदान को मरवाएगा
ये तो शहजादी के इश्क में मुब्तिला हो गया है वालिद ने बेटे के कपड़े धोने पर पाबंदी लगा दी इधर जब तक लड़का महबूब के जेरे असर मेहबूब की कोई खिदमत बजा लाता था। मोहब्बत का बुखार निकलता रहता था मगर जब वो इस खिदमत से हटा लिया गया तो बीमार पड़ गया।
चंद दिन के बाद फौत हो गया यानी मर गया इधर कपड़ों की धुलाई और तह बंदी का अंदाज बदला तो शहजादी ने धोबन को बुला भेजा और उससे पूछा कि मेरे कपड़े कौन धोता है
     धोबन ने जवाब दिया शहजादी आलिया मैं ही धोती हूं
शहजादी जी ने कहा पहले कौन धोता था धोबन ने कहा मैं ही धोती थी। शहजादी ने उससे कहा यह कपड़ा तय करो अब धोबिन से वैसा तह नहीं होता था। शहजादी ने उसे डांटा कि तुम झूठ बोलती हो सच सच बताओ वरना सजा मिलेगी धोबन  के सामने कोई दूसरा रास्ता नहीं था कुछ दिल भी गम से भरा हुआ था। वह जारो कतार रोने लगी और सारा माजरा शहजादी से कह दिया
शहजादी ये सब सुनकर सन्नाटे में आ गई फिर उसने सवारी तैयार करने का हुकुम दिया फिर शाही बगगी में सवार होकर और फूलों का टोकरा लेकर
मक्तूल मोहब्बत की कबर पर सारे फूल चढ़ा दिए। जिंदगी भर उसका यही मामूल रहा वह हर साल उस की बरसी पर फूल चढ़ाने उसकी कबर पर जरूर जाती यह बात सुनाने के बाद हजरत निजामुद्दीन रहमतुल्ला अलेह आगे फरमाते हैं अगर एक इंसान से बिन देखे मुहब्बत हो सकती है तो भला अल्लाह से बिन देखे मुहब्बत क्यू नही हो सकती एक इंसान से मोहब्बत अगर दूसरे इंसान के मिजाज में तब्दीली ला सकती है और वह अपनी पूरी सलाहियत और मोहब्बत उसके कपड़े धोने में लगा सकता है तो क्या हम लोग अल्लाह की इबादत में नमाज पढ़ने में दिलो जान से अपनी मोहब्बत और सलाहियत नहीं लगा सकते मगर हम लोग बोझ उतारने की कोशिश करते हैं।
अगर शहजादी मोहब्बत से तह हुए कपड़ों के अंदाज को पहचान सकती है तो क्या हमारा रब मोहब्बत से पढ़ी गई नमाज और पीछा छुड़ाने के इरादे से पढ़ी हुई नमाज को नहीं समझता।
हजरत निजामुद्दीन आगे फरमाते वह धोबी का बच्चा इस वजह से कामयाब है की उसकी मोहब्बत को कुबूल कर लिया गया जबकि हमारे अंजाम का कोई पता नहीं कबूल होगी या मुंह पर मार दी जाएगी अल्लाह जिस तरहा  इमान नमाज रोजा का मुतालबा करता है इसी तरह मोहब्बत का भी तकाजा करता है ।
जो कोई मुस्ताहब नहीं फर्ज है मगर हम गाफिल हैं फिर फरमाते हैं अल्लाह की कसम अगर यह नमाज ना होती तो अल्लाह से मोहब्बत करने वालों के दिल इस तरह फट जाते जिस तरह धोबी के बच्चे का दिल फट गया था यह जो लोग सारी सारी रात नमाज पढ़ते रहते हैं कि ऐसे ही नहीं पड़ी जाती कोई जज्बा है जो इन्हें पूरी पूरी रात अल्लाह के सामने खड़ा रखता है

     अल्लाह तबारक व ताला  हम सबको इखलास के साथ इबादत करने वाला बनाएं---आमीन सुम्मा आमीन

                 मेहरबान अंसारी कैराना 

Sunday, 3 November 2019

प्रदूषण कैसे होता है जाने

आप सब इस पोस्ट को पढ़कर अपने अपने घरों के पेड पौधों को पानी से धोएं और पानी का छिड़काव जरूर करे 
आप सब को इस धुँए से थोड़ी बहुत आजादी मिल सकती है
वर्तमान जीवन में प्रदूषण के कारण मानव जीवन एवं अन्य प्राणी के जीवन पर काफी बुरा प्रभाव पड़ता है. प्रदूषण के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है. प्रदूषण यानी कि पर्यावरण में दूषित पदार्थ का होना जिससे प्राकृतिक संतुलन असंतुलित हो जाता है. प्रदूषण का अर्थ होता है हवा, पानी, मिट्टी आदि का अवांछित द्रव्य से दूषित होना. जिससे पर्यावरण में उपस्थित सारे जीवों पर कोई ना कोई रूप से विपरीत प्रभाव होता है एवं पारिस्थितिक तंत्र को भी नुकसान पहुंचता है. 
शुद्ध पर्यावरण में जब दूषित पदार्थ दूर जाते हैं तो प्राकृतिक संतुलन में दोष उत्पन्न हो जाते हैं. यही प्रदूषण कहलाता है. पृथ्वीके सभी जीवो के लिए है प्रदूषण एक गंभीर समस्या है, जो लगातार बढ़ती ही जा रही है. प्रदूषण से हमारा वायुमंडल भी बहुत अधिक प्रभावित हुआ है जिसकी वजह से और जीवन स्तर का विघटन हो रहा है.
प्रदूषण की वजह से मनुष्य तक शुद्ध वायु पहुंच नहीं पाती है. नाही जल और नाही शांत वातावरण. सभी कारकों को मिलकर प्रदूषण को तीन विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है. वायु प्रदूषण (Environment Pollution), जल प्रदूषण (Water Pollution) और ध्वनि प्रदूषण (Sound Pollution). औद्योगिकरण के इस दौर में आजकल बड़े बड़े कारखाने लग रहे हैं .चीन से बड़ी मात्रा में लगातार धुआ निकलता रहता है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बड़ा ही हानिकारक है. इसके अलावा मोटर गाड़ियों से भी लगातार हानिकारक धुआ हमें प्रभावित कर रहा है.
Prayavan Par Nibanbdh me Pradushan को तीन प्रकार में विभाजित किया गया है – Essay On Pollution
वायु प्रदूषण (Air Pollution)
जल प्रदूषण (Water Pollution)
ध्वनि प्रदूषण (Sound Pollution)
वायु प्रदूषण (Air Pollution)
वायु में कुछ विषैले एवं हानिकारक गैस मिलकर वायु को दूषित कर देते हैं. यही वायु प्रदूषण कहलाता है. या प्रदूषण ज्यादातर पेड़ों के काटने से और फैक्ट्री और वाहनों में से निकलते हुए के कारण ज्यादा फेलते हैं. इसके कारण वातावरण में हानिकारक गैस जैसे कि कार्बन डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसे वायु मिलते हैं और वायु को प्रदूषित कर देते हैं. *मेहरबान अंसारी वार्ड 23 सभासद*

Tuesday, 7 May 2019

रोजे के बारे में विस्तार से जाने

रमजान का पवित्र महीना शुरू हो चुका है. यह महीना हर मुसलमान के लिए बहुत मायने रखता है. ये इस्लामिक कैलेंडर का नौवां महीना होता है. इस्लाम धर्म के लोगों का मानना है कि रमजान के महीने में जन्नत यानी स्वर्ग के दरवाजें खुल जाते हैं और इस पवित्र महीने में हर दुआ पूरी होती है. रजमान को लेकर ये भी कहा जाता है कि अगर मुसलमानों को रमजान के महीने की अहमियत का पता चला जाए तो हर मुसलमान यही ख्वाहिश करेगा कि रमजान 1 महीने नहीं बल्कि पूरे साल तक रहें.
आपको बता दें कि इस्लाम धर्म में रोजा छोड़ने को गुनाह-ए-कबीरा माना जाता है. गुनाह-ए-कबीरा का मतलब होता है वो बड़ा पाप जिसकी कोई माफी ही नहीं होती है. रोजे के बारे में इस्लामिक किताबों में कहा गया है कि अल्लाह अपने बंदों से फरमाते हैं, 'रोजा सिर्फ मेरे लिए है और रोजे का इनाम मैं खुद अपने बंदों को दूंगा.'
आपको ये भी बता दें कि इस्लाम में 7 सात साल की उम्र के बाद से हर एक इंसान के लिए रोजा रखना जरूरी माना जाता है. हालांकि, 7 साल की उम्र से छोटे बच्चों, प्रेग्नेंट महिलाओं, बीमार और सफर करने वाले लोगों को रोजा रखने की छूट दी गई है.
हर बार रमजान के महीने में कई लोगों के मन ये सवाल जरूर आता है कि आखिर रोजा किन चीजों से टूटता है और किन चीजों से नहीं. रोजा टूटने को लेकर कई मुसलमानों को कई तरह की गलतफहमियां रहती हैं. तो आइए इसी गलतफहमी को दूर करने के लिए आज हम आपको बता रहे हैं कि रोजा आखिर किन चीजों से टूटता है और किन चीजों नहीं.
सबसे पहली बात तो यह कि कई लोगों को लगता है कि रोजा रखने का मतलब सिर्फ भूखा प्यासा रहना ही होता है. लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है. बता दें कि रोजे का मतलब सिर्फ खाने पीने की चीजों से दूरी बनाना नहीं होता है, बल्कि रोजा रखने के बाद इंसान को हर उस काम से दूर रहना पड़ता है, जो इस्लाम धर्म में मना की गई हैं.
खाने पीने की चीजों से दूरी बनाने के साथ आंख, नाक, कान, मुंह सभी चीजों का रोजा होता है. इसका मतलब ये है कि रोजा रखने के बाद इंसान ना तो किसी की बुराई कर सकता है और ना ही किसी का दिल दुखा सकता है. इस तरह मुसलमान रमजान के महीने में हर तरह की बुराइयों से पवित्र हो जाता है.
कई लोग रोजा रखने के बाद भूले से कुछ खा-पी लेते हैं और इस डर से वो रोजा तोड़ देते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि भूले से खाने के बाद उनका रोजा टूट गया है. लेकिन ऐसा नहीं है. दरअसल, रोजे के दौरान अगर कोई इंसान अनजाने में कुछ खा-पी लेता है, तो इससे रोजा नहीं टूटता है. इस्लामिक धर्म गुरु का मानना है कि अगर गलती से रोजा रखकर आप कुछ खा-पी लेते हैं तो आपको अपना रोजा पूरा करना चाहिए.
कुछ इस्लामिक धर्म गुरु का मानना है कि रोजा रखने के बाद टूथपेस्ट नहीं करना चाहिए, क्योंकि टूथपेस्ट करने से रोजा टूट जाता है. लेकिन बता दें, अगर टूथपेस्ट गले में नहीं पहुंचता है और इसका टेस्ट भी मुंह में नहीं रहता है तो रोजा नहीं टूटता. लेकिन अगर टूथपेस्ट गले तक पहुंच जाता है और इसका टेस्ट देर तक मुंह में रहता है तो रोजा टूट जाता है. बेहतर यही होगा कि रोजे के दौरान टूथपेस्ट करने के बजाए मिस्वाक से दांतों को साफ करें. मिस्वाक करने से रोजा नहीं टूटता है.
गर्मी की शिद्दत से बचने के लिए अगर कोई इंसान रोजा रखने के बाद सिर पर पानी डालता है, तो उससे भी रोजा नहीं टूटता है. रोजे की हालत में नहाने से भी रोजा नहीं टूटता है. इसलिए रोजा रखकर कभी भी किसी भी वक्त नहा सकते हैं.
कई लोगों का मानना है कि रोजा रखने के बाद सिर में तेल लगाने से रोजा टूट जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है. रोजा रखकर सिर में तेल और आंखों में सुरमा दोनों ही लगाएं जा सकते हैं.
कुछ लोगों को लगता है कि रोजे की हालत में थूक निगलने से रोजा टूट जाता है. लेकिन ऐसा नहीं है अगर मुंह के अदंर का थूक गले में जाता है तो इससे रोजा नहीं टूटता है. लेकिन अगर कोई शख्स जानकर गले में नमी लाने के लिए अपना थूक निगलता है तो इससे रोजा टूट जाता है
रोजे के दौरान नाक, कान और आंख में दवाई डालने के लिए भी मना किया जाता है, क्योंकि आंख, कान और नाक का ताल्लुक गले से होता है. ऐसे में दवाई गले तक पहुंच जाती है और रोजदार रोजा रखने वाले के गले में कुछ भी पहुंचता है तो इससे रोजा टूट जाता है.
रोजे की हालत में सिगरेट पीने, पान चबाने, तंबाकू खाने से भी रोजा टूट जाता है.
रोजे के दौरान शारीरिक संबंध बनाने से भी रोजा टूट जाता है.

Sunday, 31 March 2019

चौधरी तब्बसुम मुनव्वर हसन का तूफानी दौरा

 आज  शामली विधानसभा के अनेक दर्जनों गांव का दौरा किया गंगेरू खेड़ा   कुर्तान अंबेटा दुगड्डा मालीपुर  गुज्जरपुर खंद्रावली आदि सभी गांव में पहुंचकर चौधरी तबस्सुम मुनव्वर हसन ने पहुंच कर महागठबंधन को वोट करने की अपील की और प्रदेश सरकार की नीतियों के बारे में बताया किसानों का गन्ना भुगतान नहीं हो रहा है किसान हर तरफ परेशान हैं किसानों पर लाठियां भांजी जा रही है और पूरे प्रदेश में भ्रष्टाचार जोरों पर है चौधरी तबस्सुम मुनव्वर हसन प्रदेश सरकार की विफलताओं के बारे में बताया और कहा कि आने वाला वक्त आप सबका है एक जुट होकर महागठबंधन को मजबूत करिए मैं भरोसा दिलाती हूं आप लोगों की हर समस्या का समाधान होगा आने वाली 11 तारीख को आप सबको मिलजुल कर साइकिल के निशान का बटन दबाना है और महागठबंधन को मजबूत बनाना इस मौके पर मौजूद रहे वकील प्रधान राशिद चेयरमैन इंतजार ठेकेदार सलीम प्रधान आरिफ प्रधान तारीख जंग मुनव्वर जंग भाई नदीम मेहरबान अंसारी



Saturday, 26 January 2019

Maharban ansari Parliament me ghuumte huye

दिल्ली में कैराना सांसद चौधरी तबस्सुम हसन RLD जी के साथ पार्लियमेंट में और साथ में आपका भाई मेहरबान अंसारी
Maharban ansari




















आज प्राइमरी स्कूल गणतंत्र दिवस धूम धाम से मनाया गया

आज कैराना के मोहल्ला खैल कलां प्राइमरी स्कूल कलालान में 26 जनवरी का पर्व धूम धाम से मनाया गया इस मौके पर प्रधान अध्यापक मास्टर अनीस ने सभी बच्चों को क्यों मनाया जाता है यह पर्व प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाने वाला गणतंत्र दिवस, भरत का राष्ट्रीय पर्व है, जिसे प्रत्येक भारतवासी पूरे उत्साह, जोश और सम्मान के साथ मनाता है। राष्ट्रीय पर्व होने के नाते इसे हर धर्म, संप्रदाय और हर  जाति के लोग मनाते हैं। इस मौके पर मौजूद मेहरबान मेंबर ने भी बच्चों को देश भक्ति के बारे में बताया कैसे हमारा देश कैसे आज़ाद हुआ और आज ही के दिन देश का संविधान लागु हुवा हमें अपने देश पर गर्व है इसलिए यह तयोहार मनाया जाता है इस मौके पर मौजूद रहे भाई गय्युर मेंबर मुरसलीन मेंबर भाई मुनव्वर  भाई दिनु मास्टर मुकीम



Friday, 25 January 2019

मेहरबान अंसारी ने बताया गणतंत्र दिवस के बारे में

प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाने वाला गणतंत्र दिवस, भरत का राष्ट्रीय पर्व है, जिसे प्रत्येक भारतवासी पूरे उत्साह, जोश और सम्मान के साथ मनाता है। राष्ट्रीय पर्व होने के नाते इसे हर धर्म, संप्रदाय और जाति के लोग मनाते हैं। 

गणतंत्र दिवस : 26 जनवरी सन 1950 को हमारे देश को पूर्ण स्वायत्त गणराज्य घोषित किया गया था और इसी दिन हमारा संविधान लागू हुआ था। यही कारण है कि प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को भारत का गणतंत्र दिवस मनाया जाता है और चूंकि यह दिन किसी विशेष धर्म, जाति या संप्रदाय से न जुड़कर राष्ट्रीयता से जुड़ा है, इसलिए देश का हर बाशिंदा इसे राष्ट्रीय पर्व के तौर पर मनाता है। 
 
खास तौर से सरकारी संस्थानों एवं शिक्षण संस्थानों में इस दिन ध्वजारोहण, झंडा वंदन करने के पश्चात राष्ट्रगान जन-गन-मन का गायन होता है और देशभक्ति से जुड़े विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। देशाक्ति गीत, भाषण, चित्रकला एवं अन्य प्रतियोगिताओं के साथ ही देश के वीर सपूतों को याद भी किया जाता है और वंदे मातरम, जय हिन्दी, भारत माता की जय के उद्घोष के साथ पूरा वातावरण देशभक्ति से ओतप्रोत हो जाता है।
 
भारत की राजधानी दिल्ली में गणंतंत्र दिवस पर विशेष आयोजन होते हैं। देश के प्रधानमंत्री द्वारा इंडिया गेट पर शहीद ज्योति का अभिनंदन करने के साथ ही उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए जाते हैं। इस दिन विशेष रूप से दिल्ली के विजय चौक से लाल किले तक होने वाली परेड आकर्षण का प्रमुख केंद्र होती है, जिसमें देश और विदेश के गणमान्य जनों को आमंत्रित किया जाता है। इस परेड में तीनों सेना के प्रमुख राष्ट्रीपति को सलामी दी जाती है एवं सेना द्वारा प्रयोग किए जाने वाले हथियार, प्रक्षेपास्त्र एवं शक्तिशाली टैंकों का प्रदर्शन किया जाता है एवं परेड के माध्यम से सैनिकों की शक्ति और पराक्रम को बताया जाता है।
 
गांव से लेकर शहरों तक, राष्ट्रभक्ति के गीतों की गूंज सुनाई देती है और प्रत्येक भारतवासी एक बार फिर अथाह देशभक्ति से भर उठता है। बच्चों में इस दिन को लेकर बेहद उत्साह होता है। इस दिन आयोजि कार्यक्रमों में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले प्रतिभाशाली विद्यार्थ‍ियों का सम्मान एवं पुरस्कार वितरण भी किया जाता है और मिठाई वितरण भी विशेष रूप से होता है Maharban ansari