Wednesday, 6 July 2022

मेरी कहानी मेरी जबानी

## ससुराल वालों का पेट नहीं भरता है ##

फ्रिज 10000 (ताऊ)
LED 32000 (नाना)
सोफा 10000 (काका)
ड्रेसिंग 3000 (बुआ)
पलंग 5000 (जीजा)
अलमारी 7000 (मामा)
कूलर 5000 (भाई)
मिक्सर 4000 (दादा)
बाईक 70000 (पापा)
हनीमून 50000 
फोन 20000 
बर्तन, कपड़े, जेवर, दावत, उपहार इत्यादि... 
सारे ख़र्च मिलाकर 10,00,000+(दस लाख+) से ज्यादा 

एक पिता कितनी मुश्किल से जुटा पाता है.. अपनी बेटी की शादी के लिये पिता सबकुछ दाव पर लगा देता है.. 

क्या बीतती है उस पर जब चंद घंटे के लिए आये मेहमान खाने को बेस्वाद और सामान को बेकार बताकर एक चिंगारी घर में फेंक कर चलते बनते हैं.. और ससुराल वाले अपना अपमान समझकर तुरंत ही बहु पर अत्याचार शुरू कर देते हैं.. 

हैरानी कि बात तो ये.. कि रिपोर्ट करने पर कानून और पुलिस भी लड़की के पिता से ही सबूत मांगती है कि शादी में खर्च किया रुपया कहाँ से आया.. 

लाड़ली थीं वो अपने पापा की,, 
#______और
सुसराल वाले कहते हैं, कि.. 
          दिया ही क्या है तेरे बाप ने...!!!

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