Meharban kairanvi
Friday, 27 January 2017
Shayri
फना ना कर अपनी जिन्दगी को राहे जूनून मे ऐ जवान...
कब करेगा इबादत जब गुनाह करने की ताकत नही होगी..
जवानी में ही कर ले जितने सजदे करना है।।
मैंने अक्सर बुढो को बिना सजदे के नमाज़ पढ़ते देखा है।।
मेहरबान कैरानवी
8791477582
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